किसलिये मैंने प्यार किया, दिल को यूँ ही बेकरार किया
शाम सवेरे तेरी राह देखी, रात दिन इंतज़ार किया
आँखों में मैंने काजल ड़ाला, माथे पे बिंदिया लगाई
ऐसे में तू आ जाये तो क्या हो राम दुहाई
चुपके मन में अरमानों ने ली ऐसे अंगड़ाई
कोई देखे तो क्या समझे हो जाये रुसवाई
मैंने क्यों सिंगार किया, दिल को यूँ ही बेकरार किया
शाम सवेरे तेरी राह देखी, रात दिन इंतज़ार किया
आज वो दिन है जिसके लिये मैं तड़पी बनके राधा
आज मेरे मन की बेचैनी बढ़ गयी और ज्यादा
प्यार में धोखा ना खा जाये, ये मन सीधा साधा
ऐसा ना हो झूठा निकले, आज मिलन का वादा
मैंने क्यों ऐतबार किया, दिल को यूँ ही बेकरार किया
शाम सवेरे तेरी राह देखी, रात दिन इंतज़ार किया