मैं कभी बतलाता नहीं, पर अंधेरे से डरता हूँ मैं माँ
यूँ तो मैं दिखलाता नहीं, तेरी परवाह करता हूँ मैं माँ
तुझे सब है पता, है ना माँ, तुझे सब है पता, मेरी माँ
भीड़ में यूँ ना छोड़ो मुझे
घर लौट के भी आ ना पाऊँ माँ
भेज ना इतना दूर मुझको तू
याद भी तुझको आ ना पाऊँ माँ
क्या इतना बुरा हूँ मैं माँ, मेरी माँ
जब भी कभी पापा मुझे ज़ोर ज़ोर से झूला झुलाते है माँ
मेरी नज़र ढूँढे तुझे, सोचू यही तू आ के थामेगी माँ
उन से मैं यह कहता नहीं, पर मैं सहम जाता हूँ माँ
चेहरे में आने देता नहीं, दिल ही दिल में घबराता हूँ माँ
तुझे सब है पता है ना माँ, मेरी माँ