ये जो जिंदगी की किताब है
ये किताब भी क्या किताब है
कहीं एक हसीन सा ख्वाब है
कहीं जानलेवा अज़ाब है
कहीं छाँव है, कहीं धुप है
कहीं और ही कोई रूप है
कई चेहरे इसमें छुपे हुए
एक अजीब सी ये नकाब है
कहीं खो दिया, कहीं पा लिया
कहीं रो लिया, कहीं गा लिया
कहीं छीन लेती है हर खुशी
कहीं मेहरबान बेहिसाब है
कहीं आसुओं की है दास्तां
कहीं मुस्कुराहटों का बयां
कहीं बरकतों की हैं बारिशें
कहीं तिश्नगी बेहिसाब है