मनवा लागे, मनवा लागे, लागे रे साँवरे, लागे रे साँवरे
ले तेरा हुआ जिया का जिया का जिया का ये गाँव रे
मनवा लागे, मनवा लागे, लागे रे साँवरे, लागे रे साँवरे
ले खेला मैंने जिया का जिया का जिया का है दाँव रे
मुसाफ़िर हूँ मैं दूर का, दीवाना हूँ मैं धूप का
मुझे ना भाए, ना भाए, ना भाए छाँव रे
मनके धागे, मनके धागे धागे पे साँवरे, धागे पे साँवरे
है लिखा मैंने तेरा ही, तेरा ही, तेरा ही तो नाम रे
ऐसी वैसी बोली तेरे नैनों ने बोली
जाने क्यों मैं डोली, ऐसा लागे तेरी होली मैं, तू मेरा
तूने बातें खोली कच्चे धागों में पीरों ली
बातों की रंगोली से ना खेलू ऐसे होली मैं ना तेरा
किसी का तो होगा ही तू
क्यों ना तुझे मैं ही जीतू
खुले ख़्वाबों में जीते है जीते है बावरे
रस बुंदिया नयन पिया रास रचे
दिल धड़ धड़ धड़के शोर मचे
यूँ देख सेंक सा लग जाए
मैं जल जाऊँ बस प्यार बचे
तू ऐसे डोरे डाले, काला जादू नैना काले
तेरे मैं हवाले हुआ सीने से लगा ले आ मैं तेरा
दोनो धीमे धीमे जले आजा दोनों ऐसे मिले
जमीं पे लागे ना तेरे ना मेरे पाँव रे