खामोश है ज़माना, चुपचाप हैं सितारें
आराम से है दुनिया, बेक़ल हैं दिल के मारे
ऐसे में कोई आहट, इस तरह आ रही है
जैसे की चल रहा हो, मन में कोई हमारे
या दिल धड़क रहा है, एक आस के सहारे
आयेगा, आयेगा, आयेगा
आयेगा आनेवाला, आयेगा, आयेगा, आयेगा
दीपक बगैर कैसे परवाने जल रहे हैं
कोई नहीं चलता और तीर चल रहे हैं
तड़पेगा कोई कब तक बेआस बेसहारे
लेकिन ये कह रहे हैं दिल के मेरे इशारे
आयेगा, आयेगा, आयेगा
आयेगा आनेवाला, आयेगा, आयेगा, आयेगा
भटकी हुई जवानी मंज़िल को ढूँढती है
माँझी बगैर नैया साहिल को ढूँढती है
क्या जाने दिल की कश्ती कब तक लगे किनारे
लेकिन ये कह रहे हैं दिल के मेरे इशारे
आयेगा, आयेगा, आयेगा
आयेगा आने वाला, आयेगा, आयेगा, आयेगा