मदहोश दिल की धड़कन
चुप सी यह तनहाई
छूप गया चाँद क्यों
क्या तेरी ज़ुल्फ़ लहराई
मदहोश दिल की धड़कन
चुप सी यह तनहाई
फिर तेरी याद ने
दिल में ली यार अंगड़ाई
ये रत जागे
लंबी रातों के दिल ना लगे, क्या करूँ
ये सिलसिले
दिल की बातों के जादू चले, क्या करूँ
बिखरा ज़ुल्फ़ें, सो जाऊं
दिल चाहे कहीं खो जाऊं
मदहोश दिल की धड़कन
चुप सी यह तनहाई
यह तेरी आशिक़ी
कर ना दे मेरी रुसवाई
कहना था जो होठों से
मैने आँखों से वो कह लिया
दिल में तेरे रहना है मुझको
इस दुनिया में रह लिया
आ लग जा तू इस दिल से
के मिलते हैं दिल मुश्किल से
मदहोश दिल की धड़कन
चुप सी यह तनहाई
दिल लिया, जान भी लेगा
ये प्यार हरजाई
मदहोश दिल की ...