Title (Indic)चाँद से फूल से या मेरी जुबां से सुनिये WorkInsight Year1994 LanguageHindi LyricsHindiचाँद से फूल से या मेरी जुबां से सुनिये हर तरफ़ आपका किस्सा है जहां से सुनिये सब को आता नहीं दुनिया को सजाकर जीना ज़िंदगी क्या है मोहब्बत की जुबां से सुनिये मेरी आवाज़ ही पर्दा है मेरे चेहरे का मैं हूँ ख़ामोश जहाँ मुझको वहाँ से सुनिये क्या ज़रूरी है के हर पर्दा उठाया जाये मेरे हालात भी अपनी ही मकाँ से सुनिये