दिल हूम हूम करे, घबराए
घन धम धम करे, डर जाए
एक बूँद कभी पानी की
मोरी अँखियों से बरसाए
तेरी झोरी डारूं, सब सूखे पात जो आए
तेरा छुआ लागे, मेरी सुखी डार हरियाए
जिस तन को छुआ तूने उस तन को छुपाऊँ
जिस मन को लागे नैना, वो किसको दिखाऊँ
ओ मोरे चन्द्रमा, तेरी चांदनी अंग जलाए
ऊंची तोरी अटारी, मैंने पंख लिए कटवाए