Title (Indic)आसमां के पार शायद और कोई आसमां होगा WorkRockford Year1999 LanguageHindi LyricsHindiआसमां के पार शायद और कोई आसमां होगा बादलों के पर्बतों पर कोई बारिश का मकाँ होगा मैं हवा के परों पे कहाँ, जा रहा हूँ कहाँ कभी उड़ता हुआ, कभी मुड़ता हुआ, मेरा रास्ता चला मेरे पाँव के तले की ये ज़मीन चल रही है कहीं धूप ठंडी ठंडी, कहीं छाँव जल रही है इस ज़मीं का और कोई आसमां होगा इन लम्बे रास्तों पर सब तेज़ चलते होंगे कापी के पन्नों जैसे यहाँ दिन पलटते होंगे शाम को भी सुबह जैसा क्या समा होगा