आज तू गैर सही, प्यार से बैर सही
तेरी आँखों में कोई प्यार का पैगाम नहीं
तुझको अपना ना बनाया तो मेरा नाम नहीं
तूने ठुकराया था जिस दिलको किसीकी खातिर
आज उस दिल में बग़ावत के सिवा कुछ भी नहीं
जिनमे सपने थे तेरे प्यार के ऐ जान-ए-वफा
आज उन आँखो में नफ़रत के सिवा कुछ भी नहीं
प्यार की आग में संगदिल मैं जला हूँ जितना
तुझको उतना ना जलाया तो मेरा नाम नहीं
सारी दुनिया में फ़कत तुझसे मोहब्बत की है
तू किसी और की हो जाए ये मुमकिन ही नहीं
नाम तेरा ही मेरे नाम के साथ आएगा
तू किसी और की कहलाए ये मुमकिन ही नहीं
नाज़ है तुझको बहुत हुस्न पे अपने लेकिन
तेरे सर को ना झुकाया तो मेरा नाम नहीं
तेरे माथे पे मेरे प्यार का टीका होगा
जुल्फ़ तेरी मेरे शानो पे लहराएगी
है यकीं मुझको के मगरूर जवानी तेरी
मोम बनके मेरी बाहों में सिमट आएगी
संगमरमर से हसीन तेरे बदन पे संगदिल
लाल जोड़ा ना सजाया तो मेरा नाम नहीं