हाँ दीवाना हूँ मैं, हाँ दीवाना हूँ मैं
ग़म का मारा हुआ एक बेगाना हूँ मैं
माँगी खुशियाँ मगर ग़म मिला प्यार में
दर्द ही भर दिया दिल के हर तार में
आज कोई नहीं मेरा संसार में
छोड़कर चल दिए मुझको मझधार में
हाए तीर-इ-नज़र का निशाना हूँ मैं
मैं किसी का नहीं, कोई मेरा नहीं
इस जहां में कहीं भी बसेरा नहीं
मेरे दिल का कहीं भी सवेरा नहीं
मेरी इस शाम का है सवेरा नहीं
हाए भूला हुआ एक फ़साना हूँ मैं