ना झटको ज़ुल्फ़ से पानी, ये मोती फूट जायेंगे
तुम्हारा कुछ न बिगड़ेगा, मगर दिल टूट जायेंगे
ये भीगी रात, ये भीगा बदन, ये हुस्न का आलम
ये सब अंदाज़ मिल कर, दो जहां को लूट जायेंगे
ये नाज़ुक लब हैं या आपस में दो लिपटी हुई कलियाँ
ज़रा इनको अलग कर दो, तरन्नुम फूट जायेंगे
हमारी जान ले लेगा, ये नीची आँख का जादू
चलो अच्छा हुआ मर कर, जहां से छूट जायेंगे