तू आता है सीने में
जब जब साँसे भरती हूँ
तेरे दिल की गलियों से
मैं हर रोज़ गुज़रती हूँ
हवा के जैसे चलता है तू
मैं रेत जैसी उडती हूँ
कौन तुझे यूँ प्यार करेगा
जैसे मैं करती हूँ
मेरी नज़र का सफर
तुझपे ही आके रुके
कहने को बाकी है क्या
कहना था जो कह चुके
मेरी निगाहें हैं तेरी निगाहों पे
तुझे खबर क्या बेखबर
मैं तुझसे ही छुप छुप कर
तेरी आँखें पढ़ती हूँ
कौन तुझे यूँ प्यार करेगा
जैसे मैं करती हूँ
तू जो मुझे आ मिला
सपने हुए सरफिरे
हाथों में आते नहीं
उड़ते हैं लम्हे मेरे
मेरी हँसी तुझसे
मेरी ख़ुशी तुझसे
तुझे खबर क्या बेक़दर
जिस दिन तुझको ना देखूँ
पागल पागल फिरती हूँ
कौन तुझे यूँ प्यार करेगा
जैसे मैं करती हूँ