झुके जो तेरे नैना
तो चुड़ी तेरी खनकी, ये पायल तेरी छनकी
ये तेरी मेरी प्रीत गोरी है बालपनकी
कली जो खिलेगी, तो खुश्बू उड़ेगी
छुपे फूल फिर भी ना खुश्बू छुपेगी
छुपा ले ये फूलों सा मुखड़ा कहीं तू
लगन तेरे मन की तो छुप ना सकेगी
उड़ा जो तेरा आँचल, तो चुड़ी तेरी खनकी
ये पायल तेरी छनकी, ये तेरी मेरी प्रीत गोरी है बालपनकी
कभी छाँव बनके कभी धूप बनके
दिखाता ये रूप सपने मिलन के
मगर जब मिलन की घड़ी पास आए
तो दिखलाए जलवे ये बेगानेपनके
जो लट लहराई तो चुड़ी तेरी खनकी
ये पायल तेरी छनकी, ये तेरी मेरी प्रीत गोरी है बालपनकी