एक रास्ता है जिंदगी, जो थम गए तो कुछ नहीं
ये कदम किसी मुकाम पे जो जम गए तो कुछ नहीं
ओ जाते राही, ओ बांके राही
मेरी बाहों को इन राहों को
तू छोड़ के ना जा, तू वापस आ जा
वो हुस्न के जलवे हो, या इश्क की आवाजे
आज़ाद परिंदों की रुकती नहीं परवाजें
जाते हुए क़दमों से आते हुए कदमों से
भरी रहेगी राहगुज़र, जो हम गए तो कुछ नहीं
ऐसा गजब नहीं ढाना, पिया मत जाना बिदेसवा रे
ओ हमका भी संग लिए जाना, पिया जब जाना बिदेसवा रे
हो जाते हुए राही के साये में सिमटना क्या
इक पल के मुसाफिर के दामन से लिपटना क्या
जाते हुए क़दमों से आते हुए कदमों से
भरी रहेगी राहगुज़र, जो हम गए तो कुछ नहीं