अचको मचको का करूं राम हो गोरा मुखड़ा है हाँ
अचको मचको का करूं राम मेरा जीवन है फुलवा की डाली
अचको मचको का करूं राम
जब जब देखूं मैं आईना शर्म मुझे क्यों आए
अंजानी सी प्यास उठे
कोई नागिन सी डस जाए
कोई काँटा चुभा क्या अरे ना रे ना
कहीं दर्द हुआ क्या अरे ना ना ना
छोड़ मुझे गोरी ना कर जोरा जोरी
बात किसी की भी मैं मानूं ना
पहले गुल थी अब गुलनार हुई
ऐसी हालत तो पहली बार हुई
ये जवानी बड़ी दुश्वार हुई
धीरे धीरे बचपन बीता लंबी हो गई चोटी
जब से आई मस्त जवानी हो गई कुर्ती छोटी
कोई सपनों में आया अरे ना रे ना
सारी रात जगाया अरे ना रे ना
बोल सखी ऐसे गज़ब हुआ कैसे
ये कैसा ज़हर है मैं जानूं ना
मेरी चोली के टूटे सब धागे
धक धक जियरा पे current लागे
अचको मचको का करूं राम राम जाने क्या होगा आगे
अचको मचको का करूं …