Title (Indic)मेरे पी को पवन किस गली ले चली WorkGhulami Year1985 LanguageHindi LyricsHindiमेरे पी को पवन किस गली ले चली कोई रोको मेरी ज़िंदगी ले चली वक़्त बीजा था, बोया था उसके लिए मैंने पल पल पिरोया था उसके लिए मेरे दिन रात की रोशनी ले चली ज़हर है रात.. हर रात.. पर जीना है एक वादे की खैरात पर जीना है मेरे होंठों पे थी जो हँसी ले चली मुझसे रूठी कहीं और ये जुड़ गई ज़िंदगी अजनबी रास्ता मुड़ गई एक उम्मीद थी आखरी ले चली