र: श्रीरामचन्द्राश्रितपारिजातः
समस्तकल्याणगुणाभिरामः ।
सीतामुखाम्भोरुहचञ्चरीकः
निरन्तरंमंगलमातनोतु ।।
आ . . .
जय रघुनन्दन जय सियाराम
दो: जय रघुनन्दन जय सियाराम
आ: हे दुखभंजन तुम्हें प्रणाम
दो: हे दुखभंजन तुम्हें प्रणाम
जय रघुनन्दन जय सियाराम /-2
आ: भ्रात-भ्रात को हे परमेश्वर स्नेह तुम्हीं सिखलाते
आ आ आ
भ्रात-भ्रात को हे परमेश्वर स्नेह तुम्हीं सिखलाते
र: नर-नारी के प्रेम की ज्योति जग में तुम्हीं जलाते
दो: ओ नैया के खेवनहारे जपूँ मैं तुम्हरो नाम
जय रघुनन्दन …
र: तुम ही दया के सागर प्रभु जी तुम ही पालनहारे
आ: चैन तुम्हीं से पाए बेकल मनवा साँझ-सकारे
दो: जो भी तुम्हरी आस लगाए बने उसी के काम
जय रघुनन्दन …