कुछ ख़ास है, कुछ पास है
कुछ अजनबी एहसास है
कुछ दूरियाँ, नज़दीकियाँ
कुछ हँस पड़ी तनहाईयाँ
क्या यह खुमार है, क्या ऐतबार है
शायद यह प्यार है, हाँ है शायद
क्या ये बहार है, क्या इंतज़ार है
शायद ये प्यार है, प्यार है शायद
कुछ साज़ हैं जागे से जो थे सोये
अल्फ़ाज़ हैं चुप से नशे में खोये
नज़रें ही समझे ये गुफ्तगू सारी
कोई आरज़ू ने है अंगड़ाई ली प्यारी
क्या यह खुमार है, क्या ऐतबार है
शायद ये प्यार है, प्यार है शायद
ना इनकार है, ना इक़रार है
शायद ये प्यार है, प्यार है शायद
कहना ही क्या, मेरा दखल ना कोई
दिल को दिखा, दिल की शक़्ल का कोई
दिल से थी मेरी एक शर्त ये ऐसी
लगे जीत सी मुझको, ये हार है कैसी
क्यों ये बुखार है, क्यों बेक़रार है
शायद ये प्यार है, प्यार है शायद
जादू सँवार है, ना इख़्तियार है
शायद ये प्यार है, प्यार है शायद