कोई कहे, कहता रहे, कितना भी हमको दीवाना
हम लोगों की ठोकर में हैं ये ज़माना
जब साज़ हैं, आवाज़ हैं, फिर किस लिये हिचकिचाना
गायेंगे हम अपने दिलों का तराना
बिगड़े दुनियाँ, बिगड़ने भी दो
झगड़े दुनियाँ, झगड़ने भी दो
लडे जो दुनियाँ, लड़ने भी दो, तुम अपनी धुन में गाओ
दुनियाँ रूठे, रूठने दो
बंधन टूटे, टूटने दो
कोई छूटे, छूटने दो, ना घबराओ
हम हैं नये, अंदाज़ क्यों हो पुराना
आँखों में हैं बिजलियाँ, साँसों में तूफान हैं
डर क्या हैं और हार क्या, हम इससे अंजान हैं
हमारे लिये ही तो हैं आसमान और ज़मीन
सितारें भी हम तोड़ लेंगे, हमें हैं यकीं
अंबर से हैं आगे हमारा ठिकाना
हम हैं नये, अंदाज़ क्यों हो पुराना
सपनों का जो देस हैं, हा हम वहीं हैं पले
थोड़े से दिल फेंक हैं, थोड़े से हैं मनचले
जहाँ भी गये अपना जादू दिखाते रहे
मोहब्बत हसीनों को अक्सर सिखाते रहे
आये हमें दिल और नींदें चुराना
हम हैं नये, अंदाज़ क्यों हो पुराना