कितने सपने कितने अरमान
लाया हूँ मैं, देखो ना, देखो ना
मेरा दिल भी एक महफ़िल है
तुम भी कभी आओ ना, बैठो ना
तुमसे मिलके यूँ तो महक रहा हूँ
फिर भी मैं अकेला बहक रहा हूँ
मेरी अँधेरी है तनहाईयाँ
कोई दिया तुम जला दो ना
हर तरफ जहाँ भी पलक थमी है
प्यार की जहां में बहोत कमी है
बेरंग है ये मेरे रात दिन
तुम रंग कोई मिला दो ना
कोई मुझमें देखे तो क्या नहीं है
हाँ वो ग़म में भीगी सदा नहीं है
मेरे तरानों में पड़ जाए जान
तुम कोई धड़कन जगा दो ना