ज़िंदगी को सँवारना होगा
दिल में सूरज उतारना होगा
ज़िंदगी रात नहीं रात की तसवीर नहीं
ज़िंदगी सिर्फ़ किसी ज़ुल्फ़ की ज़ंजीर नहीं
ज़िंदगी बस कोई बिगड़ी तक़दीर नहीं
ज़िंदगी को निखारना होगा
ज़िंदगी को सँवारना होगा …
ज़िंदगी धूप नहीं साअया-ए-दीवार भी है
ज़िंदगी ज़ार नहीं, ज़िंदगी दिलदार भी है
ज़िंदगी प्यार भी है, प्यार का इक़रार भी है
ज़िंदगी को उभारना होगा
ज़िंदगी को सँवारना होगा …