तू पी और जी, तू जी और पी
सर्दी में जब पियोगे यारों, गरम कोट बन जायेगा ये
आयी गर्मी तो मदिराजल ठंडक तुमको पहूँचायेगा
अरे रंग भरेगा सपनों में आँखों में जब ये बस जायेगा
मन को तेरे मीत तेरा बस यहीं कहीं पे मिल जायेगा
काहे को तू फिरे अकेला, देख ज़रा मौजों का मेला
आ तू भी आ लहरा
अरे आओ न अकेले कभी रहो न अकेले कभी
सभी से ये कहे ये कवी
की ऊपर नीचे आगे पीछे छाई कैसी मस्ती
ज़रा पी और जी
ये गुजराती वो बंगाली, ये दिलवाला वो दिलवाली
में देसी हूँ तू परदेसी फिर भी धडकन हैं एक जैसी
ये मद्रासी वो पंजाबी हर ताले की है इक चाबी
प्यार के मारे सब बेचारे गोरे काले ये मतवाले
अरे वर्कर हो या मालिक मिल का
रात का प्यासा, भूखा दिन का
आ तू आ न घबरा
उधार न चढाओ कभी, पैसे साथ लाओ अभी
अभी ये दूकान है खुली
की पहली पहली बिक्री मेरी बेचूं में तो सस्ती
जरा पी और जी
घर वालों की याद सताये या आँखों में आंसूं आये
हमको देखो घूँट हँसी के पीकर हम कैसे मुस्काये
किस में कितने राज़ छुपे हैं पूछो मेरे दिल से तुम
बैठे बैठे महफ़िल से होता हैं कैसे कोई गुम
अरे दुनियाँ सारी हिल जायेगी
फटी जेब भी सील जायेगी
आ तू भी बन जा राजा
अरे लफड़ा न करो कभी झगड़ा न करो कभी
भंगड़ा तो पाओ ज़रा जट जी
अरे बल्ले बल्ले बचके कहीं डूबे न ये कश्ती
जरा पी और जी
कहता ये टोनी